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परम पूज्य नाथूराम गोडसे की जन्म दिवस की हार्दिक शुभ कामनाये… आज की राजनीति को देखते हुए उनकी बहुत याद आती है.. ऐसे वीर बहुत कम ही पैदा होते है जो अपने इज्जत रुतबा और जान की परवाह किये बिना अपने आप को माँ भारती पर पूर्ण रूप से अर्पित कर देते है… ज्यादातर क्रांतिकारियों का ये मानना था की वो मरने के बाद एक शहीद के रूप में याद किये जायेंगे पर इस महान व्यक्ति के मरने के पीछे ये भी कारण नहीं था… ये जानते हुए की ये महात्मा जी का वध करके इस देश के इतिहास में वो एक काले अध्याय के रूप में याद कए जायेंगे फिर अपने आपको सुद्ध आहुति में जला देना महान वीरता का कार्य है ..लेकिन फिर उनका यह विश्वाश था की जिस दिन देश का इतिहास सच्चे और अच्छे लोगो द्वारा लिखा जायेगा उनको उसी बात का श्रेय दिया जायेगा जिसके लिए इस देश ने उन्हें फासी की सजा दी.. लेकिन मेरा मानना है की उनके महानता के लिए किसी के सबूत की जरुरत नहीं है..
क्या महात्मा जी के महान होने का मतलब ये है की भगत सिंह गलत थे क्या नेहरू के सही होने का मतलब तिलक गलत थे??? जबाब निश्चित ही नहीं में होगा.. तो फिर ये कैसे मान लिया जाय की गाँधी जी के महान होने का ये मतलब है की नाथूराम गोडसे गलत थे ??
यदि मुस्लिमो के लिए पाकिस्तान की मांग सही थी तो हिन्दुओ के लिए हिन्दुराष्ट्र की मांग गलत क्यों थी … फिर भी नाथूराम ने तो एक अखंड हिन्दुराष्ट्र की ही तो मांग की थी.. परन्तु उनकी ये मनोकामना शायद कभी न पूरी हो जिसमे उन्होंने कहा है की मेरी अस्थिया तभी विसर्जित की जाय जब भारत फिर से अखंड हो जाय.. हमारे देश में फिर से ऐसे ही राजनेताओ की जरुरत है जो की इस महान राष्ट्र को तोड़ने वाले को बिना उसका इज्ज़त ओहदा पहुच देखे सीधे मौत दे सके तभी देश तोड़ने वालो को सबक मिलेगा.. नाथूराम आप को महान होने के लिए भारत में पढाये जा रहे झूठे इतिहास की जरुर नहीं है आप महान थे महान है और महान रहेंगे…
ऐसे महान वीर को शत शत नमन वंदन…
जय अखंड भारत , जय भारत माता
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