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भारतीय मीडिया आखिर हिन्दू विरोधी क्यों है ? खुलासा

ghumantu
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हम अक्सर ये देखते है की यदि भारत में कोई ऐसी घटना घटती है जिसमे गैर हिन्दू मारे जाते है तो सारे न्यूज़ चैनल ऐसा मातम मनाते है की जैसे सारे राष्ट्र में सुनामी आ गयी है.. पर जब हिन्दू मरते है तो कोई मीडियाकर्मी झाकने तक नहीं जाता. अभी सबको अच्छे से याद होगा की कुछ दिन पहले जब आई बी एन ७ के राजनीतिक सम्पादक राजदीप सरदेसाई ने कहा था की जब तक आसाम दंगे में १००० हिन्दू नहीं मारे जाते तब तक हम उसे अपने न्यूज़ चैनल पर नहीं दिखायेंगे . फिर कुछ दिन बाद प्रख्यात (या कुख्यात) न्यूज़ एंकर सागरिका घोष ने कहा था की भारत के लोग अवैध बंगलादेशीयो से बिना मतलब के परेशान है भारत के भी तो बहुत से लोग अमेरिका में रहते है. कितनी घटिया और वाहियात तुलना उसने किया पर किसी भी अन्य मीडियाकर्मी ने उसका कोई विरोध नहीं किया. बरखा दत्त जैसे सेटर, प्रभु चावला जैसे चोरो को आज तक उसी निर्लाज्ज़ता के साथ हम अपने टीवी सेट पर देखने के लिए मजबूर है. लेकिन हमे कारण समझ में नहीं आता है . अभी ३-४ दिन पहले की बात है,आडवानी जी ने एक ब्लॉग लिखा था जिसमे उन्होंने कहा था की कांग्रेस के दो बड़े मंत्रियो का मानना यह है की अगली सरकार बिना कांग्रेस बिना एन ड़ी ए की बनेगी . पर जब अगले दिन अखबारों में खबर छपी तो अखबारों ने इतना भयंकर झूठ छापा की वो विश्वाश करने योग्य नहीं था. सबसे आश्चर्य की बात ये रही है की सारे मीडिया समूहों ने एक जैसा झूठ प्रकाशित किया. तो मेरे मन में आप लोगो की तरह ही शंका उठती रही की आखिर क्या कारण है की कोई मीडिया समूह हिन्दू या हिन्दू संघठनो के प्रति इतना बैरभाव क्यों रखती है.
इस विषय में जब मैंने अध्ययन किया तो बेहद महत्वपूर्ण जानकारी मुझे हाथ लगी. सन २००५ में एक फ़्रांसिसी पत्रकार भारत दौरे पर आया उसका नाम फ़्रैन्कोईस था उसने भारत में हिंदुत्व के ऊपर हो रहे अत्याचारों के बारे में अध्ययन किया और उसने फिर बहुत हद तक इस कार्य के लिए मीडिया को जिम्मेवार ठहराया. फिर उसने पता करना शुरू किया तो वह आश्चर्य चकित रह गया की भारत में चलने वाले न्यूज़ चैनल, अखबार वास्तव में भारत के है ही नहीं… फीर मैंने एक लम्बा अध्ययन किया उसमे निम्नलिखित जानकारी निकल कर आई जो मै आज सार्वजानिक कर रहा हु ..
विभिन्न मीडिया समूह और उनका आर्थिक श्रोत……
१-दि हिन्दू … जोशुआ सोसाईटी , बर्न, स्विट्जरलैंड , इसके संपादक एन राम , इनकी पत्नी ईसाई में बदल चुकी है.
२-एन डी टी वी … गोस्पेल ऑफ़ चैरिटी, स्पेन , यूरोप
३-सी एन एन , आई बी एन ७,सी एन बी सी …१००% आर्थिक सहयोग द्वारा साउदर्न बैपिटिस्ट चर्च
४-दि टाइम्स ऑफ़ इंडिया, नवभारत , टाइम्स नाउ… बेनेट एंड कोल्मान द्वारा संचालित ,८०% फंड वर्ल्ड क्रिस्चियन काउंसिल द्वारा , बचा हुआ २०% एक अँगरेज़ और इटैलियन द्वारा दिया जाता है. इटैलियन व्यक्ति का नाम रोबेर्ट माइन्दो है जो यु पी ए अध्यक्चा सोनिया गाँधी का निकट सम्बन्धी है.
५-स्टार टीवी ग्रुप …सेन्ट पीटर पोंतिफिसिअल चर्च , मेलबर्न ,ऑस्ट्रेलिया
५-हिन्दुस्तान टाइम्स,दैनिक हिन्दुस्तान…मालिक बिरला ग्रुप लेकिन टाइम्स ग्रुप के साथ जोड़ दिया गया है..
६-इंडियन एक्सप्रेस…इसे दो भागो में बाट दिया गया है , दि इंडियन एक्सप्रेस और न्यू इंडियन एक्सप्रेस (साउदर्न एडिसन) -Acts Ministries has major
stake in the Indian express and later is still with the Indian कौन्तेर्पर्त
७-दैनिक जागरण ग्रुप… इसके एक प्रबंधक समाजवादी पार्टी से राज्य सभा में सांसद है… यह एक मुस्लिम्वादी पार्टी है.
८-दैनिक सहारा .. इसके प्रबंधन सहारा समूह देखती है इसके निदेशक सुब्रोतो राय भी समाजवादी पार्टी के बहुत मुरीद है
९-आंध्र ज्योति..हैदराबाद की एक मुस्लिम पार्टी एम् आई एम् (MIM ) ने इसे कांग्रेस के एक मंत्री के साथ कुछ साल पहले खरीद लिया
१०- दि स्टेट्स मैन… कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया द्वारा संचालित
११-कैराली टीवी…कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया मार्क्सवादी द्वारा संचालित
१२-मातृभूमि… मुस्लिम लीग के द्वारा सहयोग प्राप्त
१३-एशियन एज.. सउदी अरब के एक फर्म द्वारा सहायता प्राप्त
१४-डेक्कन क्रोनिकल..उसी फर्म द्वारा सहायता प्राप्त
१५-इंडिया टुडे, आज तक ,तेज़ न्यूज़.,हेडलाइन टुडे …इन समूह के सभी चैनलों और पत्रिकाओ के मुख्य सम्पादक एम् जे अकबर है
१६-लोकमत… इस समूह के एक प्रमुख व्यक्ति राज्यसभा में कांग्रेस करे सांसद है
इस तरह से एक लम्बा लिस्ट हमारे सामने है जिससे ये पता चलता है की भारत की मीडिया भारतीय बिलकुल भी नहीं है.. और जब इनकी फंडिंग विदेश से होती है है तो भला भारत के बारे में कैसे सोच सकते है..
अपने को पाक साफ़ बताने वाली मीडिया के भ्रस्ताचार की चर्चा करना यहाँ पर पूर्णतया उचित ही होगा
बरखा दत्त जैसे लोग जो की भ्रस्ताचार का रिकार्ड कायम किया है उनके भ्रस्ताचरणकी चर्चा दूर दूर तक है , इसके अलावा आप लोगो को सायद न मालूम हो पर आपको बता दू की लगभग ये १००% सही बात है की NDTV की एंकर बरखादत्त ने ईसाई धर्म स्वीकार कर लिया है..
प्रभु चावला जो की खुद रिलायंस के मामले में सुप्रीम कोर्ट में फैसला फिक्स कराते हुए पकडे गए उनके सुपुत्र आलोक चावला, अमर उजाला के बरेली संस्करण में घोटाला करते हुए पकडे गए.
दैनिक जागरण ग्रुप ने अवैध तरीके से एक ही रजिस्ट्रेसन नो. पर बिहार में कई जगह पर गलत ढंग से स्थानीय संस्करण प्रकाशित किया जो की कई साल बाद में पकड़ में आया और इन अवैध संस्करणों से सरकार को २०० करोड़ का घटा हुआ.
दैनिक हिन्दुस्तान ने भी जागरण के नक्शेकदम पर चलते हुए यही काम किया उसने भी २०० करोड़ रुपये का नुकशान सरकार को पहुचाया इसके लिए हिन्दुस्तान के मुख्य संपादक सशी शेखर के ऊपर मुक़दमा भी दर्ज हुआ है.. शायद यही कारण है की भारत की मीडिया भी काले धन , लोकपाल जैसे मुद्दों पर सरकार के साथ ही भाग लेती है..
सभी लोगो से अनुरोध है की इस जानकारी को अधिक से अधिक लोगो के पास पहुचाये ताकि दूसरो को नंगा करने वाले मीडिया की भी सच्चाई का पता लग सके..
डॉ. भूपेंद्र
९-८-12

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