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बकलोल वार्ता- डोगी राजा प्रमोट,अब हुए पिग्गी राजा (भाग-३)

ghumantu
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बकलोल भाई आजकल डोगी राजा नामक एक महान राजनीतिक शख्सियत के बयान से परेशां थे . डोगी राजा के मुह से हमेशा शौचालय जैसे शब्द ही आज कल निकल रहे है . सो डोगी राजा की बात की जाय और शौच की चर्चा न हो ऐसा संभव ही नहीं है . अतः आप सभी सम्मानित पाठक और ब्लॉगर बंधुओ से अनुरोध है की यदि आप लोग भोजन ग्रहण करने जा रहे हो तो इस ब्लॉग को उसके बाद ही पढ़े.. डोगी राजा किस तरह से पदोन्नति पाकर पिग्गी राजा बने है ,उसकी दास्तान यहाँ पर बकलोल वार्ता में बताई गयी है..
प्रसंग – १
बकलोल – पता है, डोगी राजा ?
डोगी राजा – अबे कुछ बताओगे तब तो पता चलेगा…
बकलोल – अरे मुझे एक बात पता चली है ..
डोगी राजा – कौन सी बात ? बतायेगा भी , की केवल सस्पेंस बनाएगा
बकलोल – अरे वो अपना बापू था न,जिसे सब महात्मा कहते थे, वो न बहुत सच्चा आदमी था….
.
..
.(डोगी राजा माथा पकड़ कर बैठ गए और अश्रु पूर्ण आँखों से सुबकते हुए बोले)
डोगी राजा – ओह्ह्ह्ह ……..दुःख की बात तो ये भी R.S.S. का आदमी निकला…….
(एक बार प्रेम से बोलो बाबा बकलोल की जय)
जिनको जिनको पसंद आया वो स्वयं को R.S.S. का एजेंट मान कर टिपण्णी करे बाकी डोगी राजा के साथ आगरा जाँय..
प्रसंग – २
बकलोल – मन्नू भाई ,मन्नू भाई
मन्नू भाई- क्या है बे ?
बकलोल- डोगी राजा तो पहले भौकत रहे …
मन्नू भाई – तो इसमें कौन सी नयी बात है , वो तो मैडम का पाला कुत्ता है, उसे भौकने का पूरा अधिकार है.
बकलोल- पर उ ससुरा तो अब मुह से डायरिया कर रहा है..
मन्नू भाई- ऐसा क्या हो गया ?
बकलोल- ससुरे ने तो आर एस एस को राष्ट्रिय स्वच्छ शौचालय कह दिया…
(मन्नू भाई कुछ याद करते हुए ,अचानक बोले)
मन्नू भाई – अरे हाँ, वो डायरिया नहीं कर रहा बल्कि उसके मुंह में गुह लगा होगा… उसका तो प्रमोशन हो गया न,वह डोगी राजा से पिग्गी राजा हो गया है.
.
.(बकलोल बड़ा फेर में पड़ गया , फिर सर खुजाते हुए बोला)
बकलोल- छिः, तबही ससुरा को हर जगह अपना भोजन दिख रहा है…..
(एक बार प्रेम से बोलो बाबा बकलोल की जय)
जिनको जिनको समझ में आया हो वो टिपण्णी करे बाकी जाकर पिग्गी राजा के साथ नाश्ता करे………………..
प्रसंग – ३
कूल ड्यूड – पता है , पता है..
बकलोल – तू बहुत हड़बड़ी में रहता है,आराम से बता क्या हुआ..??
कूल ड्यूड – मै सुबह 8 बजे डोगी राजा से मिलाने उनके घर गया था , तो वो नहीं मिले ..
बकलोल – अच्छा
कूल ड्यूड – फिर 1 बजे उनके घर गया तो भी नहीं मिले..
बकलोल – अरे कही गया रहा होगा ..फिर नहीं गए .??..
कूल ड्यूड – अरे 6 बजे शाम को फिर गया था , फिर वो नहीं मिले ..मुझे जरुरी काम है , बताओ ना कहा मिलेंगे..

….
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(बकलोल ने थोड़े देर तक सोचा , फिर सर खुजाते हुए बोला )
बकलोल – ये तो उसके खाने का समय होता है,, अबकी बार 9 बजे सुलभ शौचालय जाकर देखना जरुर मिल जायेगा.. क्योकि मैडम ने उसे प्रमोट करके पिग्गी राजा कर दिया है. ..
( एक बार प्रेम से बोलो बाबा बकलोल की जय )
जिनको जिनको समझ में आये वो टिपण्णी करे , पोर्नग्रेसी जाकर पिग्गी राजा के साथ खाना खाए….
.
. आशा है आप लोगो को इस पिग्गी राजा के बारे में पढ़कर जरुर उबकाई आ गयी होगी , पिग्गी की चर्चा बिना गन्दगी के कर पाना संभव नहीं था… पिचले लेख में में कई ब्लॉगर मित्रो ने हलके शब्द प्रयोग करने की बात की थी , सो इसमें उससे बचा गया है , बाकी पिग्गी और गन्दगी का तो जनम जनम का साथ बन ही चूका है सो उससे बच पाना असंभव था ..
जय बाबा बकलोल वन्दे मातरम
आपका अपना
डॉ भूपेंद्र
३-०९-२०१२ baklol

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